अमिताभ अग्निहोत्री
टेलीग्राम् संवाद, पीलीभीत। पीलीभीत टाइगर रिजर्व (PTR) में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के दिशानिर्देशों का गंभीर उल्लंघन सामने आने के बाद वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। सोमवार को सफारी के दौरान साइफन क्षेत्र में सफारी वाहनों द्वारा बाघ को दोनों ओर से घेरने और संवेदनशील बाईफरकेशन पॉइंट पर पर्यटकों को वाहन से उतारने की दो घटनाओं ने टाइगर रिजर्व मुख्यालय पर गहमागहमी बढ़ा दी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के प्रभागीय वनाधिकारी (DFO) मनीष सिंह ने तत्काल जांच के आदेश जारी कर दिए। डीएफओ ने स्पष्ट रूप से कहा कि दोनों घटनाएं एनटीसीए की गाइडलाइन का स्पष्ट उल्लंघन हैं, जो न सिर्फ वन्यजीवों की सुरक्षा बल्कि पर्यटकों की जान जोखिम में डालने जैसा है।

सूत्रों के अनुसार बराही रेंज के साइफन क्षेत्र में सफारी गाड़ियों ने बाघ को दोनों ओर से घेरकर रोकने की कोशिश की, जबकि नियमों के तहत किसी भी वन्यजीव के पीछा या घेराव की सख्त मनाही है। दूसरी घटना में बाईफरकेशन सेक्शन पर पर्यटकों को सफारी गाड़ी से उतारा गया, जबकि सुरक्षा व्यवस्था और प्रोटोकॉल के तहत यह पूर्ण प्रतिबंधित क्षेत्र माना जाता है।
इन घटनाओं पर त्वरित संज्ञान लेते हुए बराही के वन क्षेत्राधिकारी, फॉरेस्टर, फॉरेस्ट गार्ड व बीट वाचर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसके अतिरिक्त पर्यटन प्रोटोकॉल लागू कराने वाली विशेष टीम से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।
डीएफओ मनीष सिंह ने इस प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए उपप्रभागीय वनाधिकारी माला रुद्रभान सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। सोमवार को डीएफओ ने मुख्यालय पर एक गाइड को तलब कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी भी ली।
अधिकारियों का कहना है कि जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद दोषी पाए जाने वालों के विरुद्ध सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी। यह घटनाएं पीलीभीत टाइगर रिजर्व में वन्यजीव संरक्षण मानकों और पर्यटन सुरक्षा प्रोटोकॉल के पालन पर बड़े सवाल खड़े करती हैं।










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