एसआरएमएस मेडिकल कालेज में साइबर क्राइम कार्यशाला में बोले एसपी सिटी,
दिए टिप्स:
- सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कभी सार्वजनिक न करें प्राइवेसी
- जितना संभव हो शीघ्र और आन लाइन दें अपराधों की सूचना
- रात में इंटरनेट बंद करने के साथ मोबाइल फोन भी करें बंद
- कहीं भी सार्वजनिक वाईफाई का इस्तेमाल करन से करें परहेज
- डाउनलोड करते समय एप प्रोवाइडर को न दें अपनी फुल एक्सेस
- सोशल प्लेटफार्म्स पर कभी सार्वजनिक न करें अपनी प्राइवेसी
- सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अनजान फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें
- सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपनी प्रोफाइल को पब्लिक न करें
- कभी भी किसी भी अनजान वीडियो काल को एक्सेप्ट न करें
टेलीग्राम संवाद
बरेली। एसपी सिटी मानुष पारिख ने सोशल प्लेटफार्म पर सोच समझ कर दोस्त बनाने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि जब हम वास्तविक जीवन में अनजान लोगों से दोस्ती नहीं करते, तब सोशल प्लेटफार्म पर किसी से दोस्ती क्यों कर लेते हैं। यही अनजान लोग या लिंक हमारा फायदा उठा कर बाद में हमें ब्लैकमेल करते हैं। ऐसे में सोच समझ कर ही दोस्त बनाएं और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपनी प्राइवेसी कभी सार्वजनिक न करें। और अपनी दैनिक गतिविधियों को भी इन प्लेटफार्म पर साझा करने से परहेज करें।
एसआरएमएस मेडिकल कालेज में साइबर क्राइम पर कार्यशाला आयोजित हुई। इसमें एमबीबीएस 2024 विद्यार्थियों को एसपी सिटी मानुष पारिख ने साइबर क्राइम के प्रति जागरूक किया। उन्होंने केस हिस्ट्री के साथ साइबर सिक्योरिटी, सोशल मीडिया के संबंध में जानकारी दी। कहा कि 19वीं सदी में उत्तर भारत में लोग ठगी से आतंकित थे। आज ठगी, नकबजनी, चोरी और लूट जैसी घटनाएं भी साइबर क्राइम का आधुनिक रूप लेकर हमारे सामने हैं। सोशल मीडिया क्राइम और फाइनेंशियल क्राइम इसी साइबर क्राइम में आते हैं। यह इंटरनेट और इलेक्ट्रानिक डिवाइस के जरिये होने वाला क्राइम है। ईमेल, व्हाट्सएप, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साइबर अपराधी सबसे ज्यादा सक्रिय हैं। ये लाटरी, रोजगार, गिफ्ट, दोस्ती का प्रलोभन देकर या साइबर बुलिंग, साइबर स्टोकिंग, साइबर एक्टार्सन के जरिये ब्लैकमेल करते हैं और एटीएम या नेटबैंकिंग का पासवर्ड हासिल कर ठगी करते हैं। ओटीपी या यूपीआई के जरिये भी बैंक से रकम उड़ा लेते हैं। इससे बचने के लिए इंटरनेट और सोशल प्लेटफार्म एप्लीकेशंस का इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए। अपना पासवर्ड, ओटीपी कभी किसी से साझा न करें। अनजान लिंक पर क्लिक न करें और ऐसी फर्जी कॉल से सावधान रहें। एप डाउनलोड करते समय ज्यादा सावधानी बरतें। डाउनलोड करते समय ऐप प्रोवाइडर को मोबाइल की फुल एक्सेस कभी न दें। अपनी गैलरी, कांटैक्स, माइक और कैमरे का एक्सिस भी न दें। लोन दिलाने वाले एप कभी भी डाउनलोड न करें।
सोशल प्लेटफार्म्स पर अपनी प्राइवेसी सार्वजनिक न करें। टू फैक्टर वैरीफिकेशन अपडेट करें। व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्ट्राग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी किसी की भी फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें। अनजान लोगों के साइबर अपराधी होने की आशंका ज्यादा होती है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म के एकाउंट सेंटिंग में जाकर बदलाव करें और अपनी प्रोफाइल को पब्लिक के लिए ओपन न करें। वाट्सएप पर वीडियो काल के जरिये भी ब्लैकमेलिंग के मामलों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में किसी भी वीडियो काल को एक्सेप्ट न करें। हां सार्वजनिक वाईफाइ कभी भी इस्तेमाल न करें। रात में सोने से पहले घर का वाईफाई बंद करें और मोबाइल का इंटरनेट भी आफ कर दें। संभव हो तो मोबाइल भी स्विच आफ करें तो ज्यादा बेहतर।
एसपी सिटी ने युवाओं को खासकर लड़कियों को साइबर स्टॉकिंग से सावधान किया। कहा कि किसी को भी वीडियो और फोटो कभी शेयर न करें। अश्लील साइट पर फोटो या वीडियो होने पर डरें नहीं। इसकी शिकायत साइबर क्राइम थाने में या आन लाइन डीएमसीए डाट काम पर जरूर करें। फेक सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाने की शिकायत भी वाइलेशन आफ प्राइवेसी की वेबसाइट पर की जा सकती है। किसी भी तरह की ठगी होने या पैसे कटने पर इसकी शिकायत हेल्पलाइन नंबर 1930 और 1090 करें या साइबर क्राइम डाट जीओवी डाट इन पर आनलाइन कंप्लेंट करें। 24 घंटे में शिकायत होने पर पैसा वापस आने की उम्मीद ज्यादा होती है। कार्यशाला में मेडिकल कालेज के मेडिकल सुपरिटेंडेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) डा. आरपी सिंह ने एसपी सिटी मानुष पारिख का स्वागत किया और स्मृति चिह्न प्रदान किया। इस मौके पर डीएसडब्ल्यू डा. क्रांति कुमार और आफिस सुपरिटेंडेंट विनीत शर्मा भी मौजूद रहे।