भीष्म साहनी लिखित नाटक रंगदे बसंती चोला से दी श्रद्धांजलि

एसआरएमएस रिद्धिमा में जलियांवाला कांड का मंचन

विशेष प्रतिनिधि

टेलीग्राम संवाद, बरेली। एसआरएमएस रिद्धिमा प्रेक्षागृह में रविवार शाम नाटक रंग दे बसंती चोला माध्यम से जलियांवाला बाग कांड में शहीद हुए लोगों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई। थिएटर लीला एक्टिंग स्टूडियो नई दिल्ली ओर से प्रस्तुत साहित्यकार भीष्म साहनी लिखित और वरुण शर्मा निर्देशित नाटक रंग दे बसंती चोला 1919 में हुए जलियांवाला बाग नरसंहार की दिल दहला देने वाली घटनाओं पर प्रकाश डालता है।

ऐतिहासिक नाटक 13 अप्रैल, 1919 की दुखद घटनाओं को जीवंत करता है, जब जनरल डायर की कमान के ब्रिटिश सैनिकों ने अमृतसर जलियांवाला बाग में निहत्थे भारतीय नागरिकों की शांतिपूर्ण सभा पर गोलियां चला दी थीं। यह नरसंहार भारत स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ बन गया, जिसने देश को औपनिवेशिक उत्पीड़न के खिलाफ खड़े होने के लिए प्रेरित किया। यह नाटक न केवल उस भयानक दिन की दर्दनाक घटनाओं को याद करता है, बल्कि पीड़ितों, बचे लोगों और उनके परिवारों पर भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव का भी पता लगाता है। यह देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अनगिनत शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के बड़े आख्यान पर प्रकाश डालता है।

जनरल डायर रूप में राहुल, माइकल ओडवायर रूप में आर्यन अग्निहोत्री, माइकल इरविंग बने संभव गुप्ता, हेमराज (ईशान जैन), रत्ना देवी (दिव्या पटेल), सरदार (मानस राज) और किशना (रश्मि) ने बेहतरीन अभिनय किया।

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