एसआरएमएस रिद्धिमा में कथक विद्यार्थियों ने किया नृत्य नाटिका मंचन
विशेष प्रतिनिधि
टेलीग्राम संवाद, बरेली। एसआरएमएस रिद्धिमा में रविवार शाम कथक विद्यार्थियों के नाम रही। इन्होंने स्वर्ग से गंगा अवतरण से पहले की परिस्थियों, गंगा उत्पत्ति, महाराजा सगर के पुत्रों को श्राप, महाराज भगीरथ प्रयास और गंगा अवतरण को कथक नृत्य नाटिका गंगा अवतरण से मंचन कर भावपूर्ण बनाया।
नृत्य नाटिका का आरंभ देवसभा से हुआ। जिसमें अप्सरा नृत्य के साथ शिव का नृत्य और गंगा की उत्पत्ति का वर्णन हुआ। अगले दृश्य में वामन अवतार का मंचन हुआ, जिसमें राक्षसराज बलि ने शुक्राचार्य के मना करने के बाद भी तीन पग जमीन दान करने का संकल्प लिया।
कथक विद्यार्थियों ने महाराजा सगर के अश्वमेघ यक्ष और घोड़े की रक्षा में 60 हजार पुत्रों के भस्म होने का भी बखूबी मंचन किया। अपने पुरखों की मुक्ति के लिए महाराजा भगीरथ के प्रयास, गंगा से उनका संवाद, महादेव से विनती और गंगा अवतरण के धरती पर आने तक की कहानी में कथक विद्यार्थियों गौरिका शर्मा, नितारा लूथरा, अहाना जिंदल, लघिमा, समीक्षा, करुन्या अरोरा, हितिका, गौर्वी सक्सेना, रिद्म, नित्य अग्रवाल, आराध्य, खुशी पागरानी, गुरनूर कौर, वार्नी मेहरोत्रा, नित्या जैन, क्षमा अग्रवाल, हेमा भाटिया. मधुर कुकरेजा. ज्योति खुराना, सपना वाधवा. तृप्ता वर्मा, प्रियाभाषिनी पाठक का साथ थिएटर के विद्यार्थियों ईशान रस्तोगी, मनेश, फरदीन और जीत ने दिया।
कार्यक्रम में सूत्रधार भूमिका डा.अनुज कुमार ने निभाई। जबकि स्नेहाशीष दुबे और प्रियंका ग्वाल ने अपने स्वर दिए। इंस्ट्रूमेंटल गुरु उमेश मिश्रा (सारंगी), सूर्यकांत चौधरी (वायलिन), अमरनाथ (तबला), टुकमनी सेन (चिमेस), सूरज पांडेय (बांसुरी), अनुग्रह सिंह (कीबोर्ड) ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। नृत्य नाटिका में अंशू शर्म (शिव), रियाश्री चटर्जी (गंगा), देवाज्योति नस्कर (भगीरथ), ईशान रस्तोगी (विष्णु), मनेश (ब्रह्मा), जीत (इंद्र व बलि) और नित्या अग्रवाल (लक्ष्मी) ने भी भावपूर्ण अभिनय किया।
इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति, आशा मूर्ति, आदित्य मूर्ति, डा. एमएस बुटोला, डा. प्रभाकर गुप्ता, डा. अनुज कुमार आदि लोग मौजूद रहे।