दुई हाते कलेर मोंदिरा,सोखी भोलोना काहारे…

रिद्धिमा में कथक विद्यार्थियों ने किया अनुभूति में टैगोर की रचनाओं पर मंचन

आर.बी. लाल

टेलीग्राम संवाद, बरेली। एसआरएमएस रिद्धिमा में रविवार शाम कथक विद्यार्थियों ने रबिंद्रनाथ टैगोर को श्रद्धांजलि दी। अनुभूति में टैगोर की रचनाओं पर अपनी नृत्य कला का प्रदर्शन कर उन्हें याद किया। टैगोरी की रचना प्रोथोमो आति तोबा शक्ति से कार्यक्रम का आरंभ हुआ।

कार्यक्रम में कथक गुरु देबाज्योति नस्कर, रियाश्री चटर्जी और कथक के विद्यार्थी गौरिका, अवियाना, श्रद्धा, नायरा, वानी, संस्कृति, नितारा, लघिमा, गौर्वी, वैदेही, रित्विका, अहाना, अभया, समीक्षा, हितिका, आराध्या जैन, करुण्या, अभिश्री, नित्या अग्रवाल, आराध्या जोशी, खुशी, नित्या जैन, आस्था, दीक्षा, क्षमा अग्रवाल ने अपने भावों से प्रदर्शित किया। कथक के विद्यार्थियों ने ‘दुई हाते कलेर मोंदिरा’, ‘सोखी भोलोना काहारे बोले’, ‘फूले फूले ढोले ढोले’, ‘सुनाला सुनाला बालिका’, ‘मोर बीना ओथे कोन सुने बाजे’ और ‘झोरो रोंजर झूरना’ जैसी रचनाओं पर अपनी प्रतिभा दिखाई। ‘गहाना गुसुमा कुंजा माझे’ पर कथक के विद्यार्थियों को गुरु देबाज्योति नस्कर का और ‘प्रोचोंडो गोरजोने’ पर देबाज्योति के साथ अंशू शर्मा का साथ मिला। टैगोर की रचना ‘सुंदरी राधे ओये बनी’ पर कथक के विद्यार्थियों का साथ गुरु रियाश्री चटर्जी ने दिया।

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Author: Telegram Samvad

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