एसआरएमएस रिद्धिमा मंच पर प्राचीन नृत्य शैली एक साथ प्रस्तुत
आर बी लाल
बरेली,टेलीग्रामसंवाद। श्रीराम मूर्ति स्मारक रिद्धिमा में रविवार शाम प्राचीन नृत्य शैली भरतनाट्यम और कथक की जुगलबंदी का मंचन हुआ। भरतनाट्यम और कथक गुरुओं और विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत नृत्यांजलि देख कर दर्शक हैरान रह गए। कार्यक्रम का आगाज भरतनाट्यम विद्यार्थी चिरनय, सान्वी, भाव्या, पार्या, काव्या, तनिशी, मायरा, शताक्षी और संस्कृति ने किया और पुष्पांजलि अर्पित की। अलारिपन में भी इन्होंने अपनी नृत्य प्रतिभा को प्रदर्शित किया।
कथक के विद्यार्थियों आराध्य जोशी, दीक्षा चंद, खुशी पागरानी और नित्य अग्रवाल ने वर्णनम में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। नटवरी को भी इन्होंने कथक भावों से प्रदर्शित किया। भरतनाट्यम गुरु रोबिन ए ने शिव स्तुति को प्रस्तुत कर अपने शिष्यों की हौसला अफजाही की। अंत में भरतनाट्यम और कथक विद्यार्थियों और गुरुओं ने एक साथ मंच संभाला और दोनों नृत्य विधाओं की जुगलबंदी को नए आयाम दिए।
इसे प्रस्तुत करने कथक गुरु देबज्योति नस्कर, रियाश्री चटर्जी, अंशू शर्मा और विद्यार्थियों संग भरतनाट्यम गुरु रोबिन ए मंच पर उपस्थित हुए। नृत्यांजलि में सूर्यकांत चौधरी (वायलिन), सुमन बिस्वास (मृदंगम), सूरज पांडे (बांसुरी) ने भी अपने वाद्ययंत्रों के साथ सहयोग किया। नृत्यांजलि सेट थिएटर गुरु विनायक श्रीवास्तव ने डिजाइन किया। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति, आशा मूर्ति , सुरेश सुंदरानी, डा. एमएस बुटोला, डा. प्रभाकर गुप्ता, डा. अनुज कुमार, डा. रीता शर्मा सहित शहर के गणमान्य लोग मौजूद रहे।