बरेली आईवीआरआई में प्रसार परिषद की 25 वीं बैठक
आर बी लाल
बरेली,टेलीग्रामसंवाद। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली सहायक महानिदेशक कृषि शिक्षा डा. यूके गौतम ने कहा कि किसानों को एक ही स्थान पर तकनीकियों की जानकारी प्रदान करने हेतु सिंगल विण्डो सिस्टम विकसित करने की जरूरत है। उन्होंने विकसित भारत बनाने में कृषि विज्ञान केन्द्रों की अहम भूमिका बतायी।
भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) में प्रसार परिषद की 25 वीं बैठक का आयोजन शुक्रवार सुबह किया गया। जिसमें प्रसार गतिविधियों की समीक्षा की गयी तथा भविष्य में नई शिक्षा नीति अन्तर्गत वोकेशनल तथा सार्टिफिकेट कोर्स का एक शैक्षणिक कलैण्डर बनाने, प्रसार शिक्षा के विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमों द्वारा इनका का प्रचार-प्रसार तथा कृषक उत्पादक संगठन, पशुधन उत्पादकता को बढ़ाने के लिए सीड विलेज बनाने तथा इण्टरफेस मीट, आयोजित करने पर बल दिया गया।
इस अवसर पर डॉ गौतम ने कहा कि हमे विकसित तकनीकों तथा नैदानिकों को ज्यादा से ज्यादा ग्रामीणों किसानों तक पहुँचाना होगा तथा किसानों की आय को दोगुना करने के लिए सम्बन्धित डाटा एकत्र करने होंगे
इस अवसर पर संस्थान निदेशक डा. त्रिवेणी दत्त ने कहा कि अब आने वाले समय में हमें प्रसार शिक्षा को और मजबूत बनाना होगा। उन्होंने कहा कि हमारे पास बहुत बड़ा प्रसार नेटवर्क है जिसमें 731 कृषि विज्ञान केन्द्र हैं जो कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग शोध संस्थान (अटारी) द्वारा नियंत्रित होते हैं इसके अतिरिक्त प्रगतिशाील किसानों का नेटवर्क है जिसके माध्यम से हम संस्थान द्वारा विकसित तकनीकियों, नैदानिकों, पैकेज आफ प्रैक्टिस आदि को किसानों तक पहुँचा सकते हैं।
डा. दत्त ने कहा कि संस्थान का प्रयास है प्रसार शिक्षा के माध्यम से और अधिक इण्टरफेस मीट विभिन्न हितधारकों, उद्यमियो, एनजीओ के साथ किये जायें जिससे किसानों एवं पशुपालकों के जीवन स्तर को सुधारा जा सके। उन्होंने कहा कि हमें सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक प्रयोग करना होगा तथा नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार चलाये जा रहे वोकेशनल तथा सार्टिफिकेट कोर्स का एक शैक्षणिक कलैण्डर बनाना होगा तथा प्रसार शिक्षा के विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमों द्वारा इनका का प्रचार-प्रसार करना होगा। हमें पर किसान मेलों का आयोजन करना होगा ।
संस्थान संयुक्त निदेशक, प्रसार शिक्षा डा. रूपसी तिवारी ने वर्ष 2023-24 में प्रसार शिक्षा कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि आगामी वर्ष में 16 इन्डस्ट्री इंटरफेस मीट, आईसीएआर कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान तथा कृषि विज्ञान केन्द, ्र राज्य पशुपालन विभागों तथा औद्योगिक घरानों के साथ आयोजित किये जायेंगे। इसके अतिरिक्त 62 वोकेशनल तथा सार्टिफिकेट कोर्स, 08 किसान मेला, किसानों के लिए उपयोगी साहित्य, 22 प्रर्दशनी आयोजित की जायेगी। आॅल इण्डिया रेडियो के माध्यम से 30 एपिसोड वाले दो कृषि पाठशाला का आयोजन किया जायेगा। पशुधन क्षेत्र में किसानों की भागीदारी को बढ़ाने के लिए 03 कृषक उत्पादक संगठन महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश तथा बंगाल में बनाये जायेगे। पशुधन उत्पादन को बढ़ाने के लिए 05 सीड विलेज विकसित किये जायेंगे जिसमें बरेली में साहिवाल व रूहेलखण्ड बकरी का सीड, मुक्तेश्वर में चैगरखा बकरी सीड तथा पुणे, महाराष्ट्र में उस्मानाबादी प्रजाति बकरी सीड शामिल हैं। संस्थान द्वारा सूकर पालकों के लिए सूकर फार्मिंग पर एक चैट वाट का निमार्ण किया जायेगा। इसके अतिरिक्त संस्थान का यू-टयूब चैनल आईवीआरआई डीम्ड यूनिवसिर्टी एजुकेशनल चैनल है जहां पर संस्थान द्वारा किसानों एवं पशुपालकों के लिए छोटी-छोटी वीडियों बनाकर ज्ञानवर्धक जानकारी प्रदान की जाती है।
डा. हंस राम मीणा विभागाध्यक्ष, प्रसार शिक्षा ने उपस्थित सभी सदस्यों का स्वागत एवं धन्यवाद करते हुये संस्थान के कार्यों की कार्य सूची प्रस्तुत तथा संस्थान में आयोजित 24वीं बैठक में लिये गये निर्णयों की प्रस्तुति की गयी जिसमें समिति के सभी सदस्यों द्वारा बिन्दुवार चर्चा की गयी।
इस अवसर पर कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग संस्थान, अटारी, कानपुर के निदेशक डा. शान्तनु कुमार दुबे तथा संस्थान संयुक्त निदेशक, कैडराड डा. के.पी. सिंह, संयुक्त निदेशक, शोध डा. एसके सिंह, संयुक्त निदेशक, शैक्षणिक डा. एसके मेंदीरत्ता ने विचार रखे।