बरेली, टेलीग्राम हिंदी। मंगलवार को पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर में डीएसटी, एसईआरबी के तत्वावधान में उच्च-स्तरीय वर्क शॉप का आयोजन किया गया। जिस में विशेष रूप से जूनोटिक रोगों में तेजी एवं निदान एवं परख जैसे विषयों पर बात की गई।
पशुजन स्वास्थ्य विभाग में आयोजित इस दस दिवसीय वर्क शॉप में देश के विभिन्न भागों से 20 परास्नातक और डाक्टरेट डिग्री छात्र शामिल हैं देश के 12 राज्यों में पशु चिकित्सा 13 महाविद्यालयों से आये हैं। इस अवसर पर एक व्याख्यानों का ई- मैनुअल का विमोचन भी किया गया।
मुख्य अतिथि एवं संस्थान के संयुक्त निदेशक (कैडराड) डॉ. के.पी सिंह ने कहा कि कैडराड ऐसा सेन्टर है जो देश में उभरती हुयी बीमारियों पर निगरानी रखता है। कैडराड द्वारा पशुओं की बीमारी ‘लम्पी’ का 2019 में पता लगाया गया।
उन्होंने कहा कि पशुओं की लम्पी बीमारी का टीका शीघ्र ही बाजार में उपलब्ध होगा। डा. सिंह ने छात्रों से कार्यशाला में सक्रिय भाग लेने और इससे सीखने का आग्रह किया। पशुजन स्वास्थ्य विभाग के विभागाध्यक्ष डा. किरन भीलेगांवकर ने इस अवसर पर कहा कि कार्यशाला का विषय बहुत महत्वपूर्ण है।
यह कार्यशाला विभिन्न प्रकार के विषयों को कवर करेगी तथा इसमें बुनियादी आणविक और सीरोलॉजिकल से शुरू होने वाली नैदानिक तकनीकों पर व्यावहारिक जानकारी के साथ-साथ पीसीआर और बायोसेंसर सहित उन्नत तक पीसीआर और एलिसा जैसी तकनीकों के बारे में भी बताया जायेगा।
इसके साथ-साथ प्रत्येक तकनीकी सत्र में प्रेक्टीकल भी कराये जायें गे ताकि प्रंशिक्षु स्वय अपने हाथों से परीक्षण कर सके। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पशुजन स्वास्थ्य विभाग के अलावा जीवाणु विज्ञान संकाय,जैव प्रौद्योगिकी, जैव रसायन, जैविक उत्पाद, महामारी विज्ञान और संयुक्त निदेशालय (कैडराड) को भी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल किया गया है।
कार्यशाला के पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. हिमानी धांजे द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत किया गया एवं कार्यशाला की रूप रेखा के बारे में बताया गया। कार्यशाला में डा. भोजराज सिंह, डा. रविकान्त अग्रवाल, डा. डी.के सिन्हा, डा. जेड. बी. दुब्बल, डा. बबलू कुमार, डा. अभिषेक, डा. आर. एस. राठौर उपस्थित रहे।