ढाई माह पहले विभाग ने कराई थी एफआईआर अब जांच में नहीं कर रहे है सहयोग
बरेली, टेलीग्राम हिंदी। चौपुला स्थित बीएसएनएल एक्सचेंज से करोड़ों रुपये के उपकरण चोरी मामले में बीएसएनएल अधिकारी अपने ही जाल में फंसते जा रहे हैं। यही वजह है कि एफआईआर दर्ज होने के बाद अब बीएसएनएल अधिकारी जांच में पुलिस का सहयोग करने से कतरा रहे हैं।
ढाई माह पहले बीएसएनल विभाग ने दर्ज कराई थी एफआईआर
बीएसएनएल डिविजनल इंजीनियर (डीई) मनोरमा सिंह ने करोड़ों रुपए कीमत के कार्ड चोरी होने के मामले में 17 मार्च को कोतवाली में चौपुला उपखंड अधिकारी (एसडीई) अभिषेक जायसवाल पर मुकदमा दर्ज कराया था । आरोप था कि एक्सचेंज उनकी देखरेख में था। वहां से 165 कार्ड गायब हो गए हैं। जिनकी कीमत 2,29,600 रुपये एफआईआर मैं। बताई गई है इसकी विवेचना बिहारीपुर चौकी इंचार्ज जितेंद्र सिंह को सौंपी गई। जितेंद्र सिंह जब एक्सचेंज पहुंचे तो वहां कोई सहयोग नहीं मिला। विवेचना अधिकारी कैंट स्थित महाप्रबंधक कार्यालय पहुंचे वहां भी यही स्थिति रही तब उन्होंने लिखित तौर पर जांच में सहयोग करने के लिए लिख कर दिया। बीएसएनएल अधिकारी विवेचना में सहयोग नहीं कर रहे है। दस्तावेज और बयान नहीं दिए जा रहे हैं। जांच अधिकारी चौकी इंचार्ज बिहारीपुर जितेंद्र सिंह ने इस मामले में बीएसएनएल महाप्रबंधक ऑफिस को चिट्ठी लिखी। उन्होंने लिखा कि चौपला एक्सचेंज अधिकारी पुलिस विवेचना में सहयोग नहीं कर रहे हैं। इसके बाद बीएसएनएल महाप्रबंधक कार्यालय में खलबली मच गई।
विभागीय जांच कमेटी गठित
विवेचना अधिकारी द्वारा लिखे पत्र के बाद महाप्रबंधक पंकज पोरवाल ने आनन-फानन में करोड़ों की हुई चोरी मामले में विभागीय जांच शुरू करा दी है। इसके लिए उन्होंने कमेटी भी बनाई है। संबंधित अधिकारियों से कहा गया है कि मबला बेहद गंभीर है इस लिये वह पुलिस जांच में सहयोग करें।
ताला बंद फिर भी एक्सचेंज से गायब हो करोड़ों के कार्ड, लगभग 45.50 करोड़ों का बताया जा रहा घोटाला
चौपुला एक्सचेंज से करीब 400- 500 कार्ड गायब बताए जा रहे हैं। जबकि वहां ताला लगा था। चौपुला एक्सचेंज मुख्य द्वार पर सुरक्षाकर्मी तैनात है। इसके बावजूद चोरी कैसे हो गई। विभागीय सूत्रों का कहना है कि कार्ड करीब 400- 500 के आसपास गायब हुए हैं। एक ईडब्ल्यूएसडी कार्ड की विभागीय कीमत 8.70 लाख रुपये बताई जाती है। आंतरिक सूत्रों ने बताया कि करीब 45.50 करोड़ रुपये कीमत के कार्ड व अन्य सामान विभागीय मिलीभगत से चौपुला एक्सचेंज से गायब हुआ है। इसमें कई अधिकारी फंस गए हैं। क्योंकि वहां पर भवन और एक्सचेंज सुरक्षा हेतु अधिकारी और कर्मचारी तैनात हैं। इसलिए संबंधित अफसर पुलिस जांच का सामना करने से बच रहे हैं।
मामला रफा-दफा करने को सेटिंग
बताया जाता है कि करोड़ों रुपए घोटाले को रफा-दफा करने के लिए पुलिस जांच प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है जिससे किसी तरह मामला निपट जाए। बताया जाता है कि आंतरिक तौर पर तैयारी हो रही है कि कोई भी कार्ड दिखा दिया जाए और यह बता दिया जाए कि गुम हुए कार्ड मिल गए हैं यह भ्रम जांच अधिकारी तक पहुंचा दिया जाए जिससे कि करोड़ों रुपए का घोटाला दब जाए।