लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नागरिक निकाय पानी के अनुचित निपटान पर जुर्माना लगाएंगे।सफाई कर्मियों को देने से पहले घरों से निकलने वाले कचरे को अलग-अलग नहीं करने वालों पर दो हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। इसे चार मार्च से लागू किया जाएगा। यह कदम स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम-शहरी) के तहत राज्य सरकार के हाल ही में शुरू किए गए अभियान, 10 तक घर-घर का हिस्सा है।
एसबीएम-अर्बन स्टेट मिशन डायरेक्टर नेहा शर्मा ने सभी नगर आयुक्तों व कार्यपालक अधिकारियों को नियम को अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश जारी किए हैं। जुर्माने की मात्रा 50 रुपये से 2,000 रुपये निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि 10 तक डोर टू डोर अभियान 1 फरवरी से प्रभावी है, ताकि राज्य भर में 100 प्रतिशत डोर-टू-डोर संग्रह और कचरे का पृथक्करण सुनिश्चित किया जा सके। इस अभियान के तीन चरण हैं। पहला निवासियों से अपने कचरे को अलग करने का अनुरोध करना, दूसरा उनका अनुमोदन और जागरूकता, जो 3 मार्च को समाप्त हो जाएगी।
अंतिम चरण में उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जो अपने कचरे को अलग नहीं करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी गेटेड कॉलोनियों और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों को जागरूकता अभियान में शामिल किया गया है और नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पंचायतों के सभी सक्षम अधिकारी और कर्मचारी 4 मार्च से 31 मार्च तक घरों का नियमित निरीक्षण करेंगे।