ऋषिकेश। चारधाम यात्रा के शुरू होते ही इस वर्ष यात्रा के लिए देश भर से श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा था। धामों में पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या के मद्देनजर सुविधा जुटानी चुनौती बन गई थी। शासन-प्रशासन ने समन्वय बनाकर यात्रा का सफलता पूर्वक संचालन किया जा रहा है। मगर, डेढ़ माह के बाद श्रद्धालुओं की संख्या घटने लगी है।
इस वर्ष तीन मई को गंगोत्री तथा यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का श्रीगणेश हो गया था। यात्रा के लिए कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। छह मई को केदरनाथ व आठ मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद तो यात्रा चटम पर पहुंच गई। यात्रा के दूसरे सप्ताह में चारधाम यात्रा व्यवस्था तीर्थयात्रियों की भीड़ के आगे चरमराने लगी थी। जिसको देखते हुए सरकार को धामों में दर्शन के लिए स्लाट व्यवस्था लागू करनी पड़ी। स्लाट व्यवस्था लागू होने ओर वाहनों की किल्लत होने के बावजूद भी धामों में निर्धारित क्षमता से अधिक श्रद्धालु पहुंचे।
आंकड़ों पर गौर करें तो चारधाम यात्रा के पहले सप्ताह में जहां 180080 यात्री धामों में पहुंचे थे तो दूसरे सप्ताह में यह संख्या दोगुनी यानी 3 लाख 60 हजार के पाट पहुंच गई। तीसरे सप्ताह में तीन लाख 54 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने चार धामों में दर्शन किए। 22 मई को श्रीहेमकुंड साहिब धाम के कपाट खुलने के बाद यात्रियों की संख्या में और भी वृद्धि हुई जिससे चौथे व पांचवें सप्ताह में तीन लाख 84 हजार से अधिक और छठे सप्ताह में तीन लाख 74 हजार से अधिक यात्रियों ने धामों में दर्शन किए।
15 जून के बाद चारधाम व श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा में तीर्थयात्रियों की संख्या में कमी आने लगी। जिसका असर यह रहा कि चारधाम यात्रा के सातवें सप्ताह यानी बीते सप्ताह में पांचों धामों में दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या घटकर महज दो लाख 92 हजार 397 रह गई। हालांकि अब तक चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के अलावा श्री हेमकुंड साहिब में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 23 लाख 80 हजार 467 पहुंच चुकी है।
अपर आयुक्त गढ़वाल मंडल नरेंद्र सिंह क्वीरियाल ने बताया कि चारधाम यात्रा में हमेशा ही 15 मई के बाद यात्रियों की संख्या में कमी होने लगती है। इस बार भी पिछले एक सप्ताह में धामों में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या घटी है। फिलहाल चारों धामों में यात्रा निर्बाध जारी है और सभी यात्रा व्यवस्था चाक-चौबंद हैं। इसलिए इस समय तीर्थयात्री बिना किसी परेशानी और अव्यवस्था के यात्रा और धामों में दर्शन कर सकते हैं।