- जिला विद्युत समिति बैठक में जनप्रतिनिधियों ने अफसर घेरे
- बिजली विभाग अधिकारी नहीं दे पाये सही जवाब, किसी तरह डीएम ने संभाला मामला
टेलीग्राम संवाद
बरेली। बिजली विभाग बरेली में पिछले काफी समय से मनमानी और भ्रष्टाचार संबंधी दौर चल रहा है। तमाम किसानों ने नलकूप कनेक्शन लेने हेतु निर्धारित शुल्क जमा कर दिया फिर भी वे कई महीनो से दौड़ लगा रहे हैं। नलकूप कनेक्शन नहीं मिलने से सिंचाई नेटवर्क प्रभावित है। स्मार्ट मीटर लगाने में भी लापरवाही हो रही है। बीती गर्मियों में अनाप-शनाप हुई कटौती, फॉल्ट आदि पर जनप्रतिनिधियों ने गहरी नाराजगी जताई। किसी तरह जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने मामला संभाला और निर्देश दिया कि जल्दी अपेक्षित कार्य पूरे कराये जाएं।
विकास भवन सभागार में जिला विद्युत समिति द्वारा आरडीएसएस योजना संबंध में महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में एमएलसी कुंवर महाराज सिंह ने बताया कि बरेली जिला में बड़ी तादाद में किसान नलकूप कनेक्शन पाने हेतु परेशान है। कई माह पहले कनेक्शन शुल्क जमा कर दिया। फिर भी उन्हें यह कह कर टहला दिया जाता है कि स्टोर में सामान नहीं है। ट्रांसफार्मर नहीं है। यह उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि बीती गर्मियों में बिजली सप्लाई व्यवस्था बेहद खराब रही। जिससे सरकार छवि प्रभावित हुई है। विभागीय लापरवाही से ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि जर्जर तार बदलने आदि कार्य समय से नहीं हो पाए। जिससे लाखों लोग परेशान हुए। इसमें औद्योगिक क्षेत्र भी शामिल रहे। उन्होंने कहा कि गर्मियों से पहले फरवरी तक विभाग सप्लाई नेटवर्क सुधार कार्य पूरे करा ले।
विधायक डॉक्टर डीसी वर्मा भी विभागीय कामकाज से संतुष्ट नहीं दिखे। उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र मीरगंज संबंधी मामले उठाएं। उन्होंने कहा सप्लाई व्यवस्था सही कराई जाए। विद्युत लाइन वाईफरकेशन काम नहीं हो पाया। अभी तक 132 केवी स्टेशन से फीडर नहीं बन पाए हैं।
विधायक मीरगंज ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में गन्ना खेतों में विद्युत तार नीचे छूल रहे हैं। किसान गन्ना नहीं काट पा रहे हैं। तार सही करायें। उन्होंने कहा विद्युत कनेक्शन देने में देरी क्यों लग जाती है। इसके लिये जनप्रतिनिधियों को सिफारिश करनी पड़ती है।
मेयर डा. उमेश गौतम ने विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए। उनका कहना था स्मार्ट मीटर लगाने संबंधी कार्य काफी धीमा है। विभिन्न स्थानों पर विद्युत लाइन जर्जर स्थिति में है खंभे भी टूटे हुए हैं। तमाम स्थानों पर बल्लियों सहारे सफाई व्यवस्था चल रही है। कनेक्शन देने में मनमानी और भ्रष्टाचार हो रहा है। सरकार ने पर्याप्त धनराशि विभिन्न योजना में उपलब्ध कराई है। फिर भी कार्य नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग अपेक्षित कार्य नहीं कर रहा है। बैठक में कई जनप्रतिनिधि मौजूद नहीं है। इसलिए ऐसी बैठक से कोई फायदा नहीं। जिससे बैठक एक घंटा से पहले ही संपन्न हो गई। बताया गया कि लोकसभा सत्र बाद फिर से बैठक बुलाई जाए।
सांसद ने कहा कि सरकार द्वारा विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु आदेशित किया गया है। अभी और बहुत कार्य होना बाकी है। विद्युत चोरी रोकी जाये। सौर ऊर्जा पर जोर दिया जाए।
जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने निर्देश दिये कि लाइन लास कम करें। उन्होंने कहा कि जो तार आदि लटक रहे हैं उन्हे ठीक कराया जाये। जिनका कम्पलसेशन लम्बित है। उसका प्राथमिकता आधार पर भुगतान करायें। विद्युत विभाग अपना एक्शन प्लान कि कहां-कहां लाइन बदल रहे, कहां फाइवरकेशन हो रहा, कहां ट्रांसफार्मर क्षमता दृष्टि कर रहे हैं। सूची उपलब्ध करायें।
चीफ इंजीनियर देर से पहुंचे
बैठक में चीफ इंजीनियर बरेली रणविजय सिंह भी देर से पहुंचे थे। उन्होंने बताया आरडीएसएस (रीवैम्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर योजना) भारत सरकार द्वारा संचालित एक महत्वपूर्ण व महत्वकांक्षी योजना है। योजना में सभी उपभोक्ता परिसर, पोषक, वितरण परिवर्तक पर स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य भी प्रस्तावित है। देर से पहुंचे मुख्य अभियंता विद्युत द्वारा बताया गया कि स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य निर्धारित कर लिया गया है। कुल 728270 स्मार्ट मीटर घरों में लगाने का लक्ष्य इस साल पूर्ण करने का है। जिसमें से वर्तमान में 5607 स्मार्ट मीटर लग चुके हैं। जिसके लिये 599.85 करोड़ का बजट प्राप्त हुआ है तथा लास रिडक्शन हेतु 347.95 करोड़ रुपये बजट प्राप्त हुआ है। कुल 947.80 करोड़ का बजट प्राप्त हुआ है।