स्वामी शैलेंद्र सरस्वती व माँ प्रिया 12 दिवसीय नेपाल यात्रा पर

काठमांडू मीडिया में छाए ओशो

पवन सचदेवा

टेलीग्राम संवाद, काठमांडू। श्री रजनीश ध्यान मंदिर, सोनीपत के संस्थापक स्वामी शैलेंद्र सरस्वती और उनकी पत्नी मां अमृत प्रिया 12 दिवसीय अध्यात्मिक यात्रा पर काठमांडू पहुँचे हैं। काठमांडू एयरपोर्ट पर ओशो प्रेमियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने अपने व्यस्त कार्यक्रम के दोरान ओशो के साधक-साधिकाओं से निजी मुलाकात व सत्संग मे प्रतिभाग लिया।

स्वामी शैलेंद्र सरस्वती नेपाल एवरेस्ट टीवी, हिमालय टीवी, कांतिपुर टीवी, तमसो मा ज्योतिर्गमय प्रोग्राम, और एपीवन टीवी सहित छह प्रमुख टेलीविजन द्वारा उनके स्टूडियो मे इंटरव्यू हुए। काठमांडू स्थित अग्रवाल भवन में एक विराट सभा का आयोजन हुआ, जिसमें उन्होंने व माँ अमृत प्रिया ने भगवान पशुपतिनाथ आध्यात्मिक रहस्यों पर प्रकाश डाला गया। 500 श्रोताओं से खचाखच भरे सभागार मे दो घंटे तक पूर्ण शांति और ध्यान का वातावरण बना रहा जो इस अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव के साक्षी बने।

मां अमृत प्रिया जी ने अपने प्रवचन में बताया कि पशुपतिनाथ का अर्थ है “समस्त प्राणियों का स्वामी” और “जीवन मात्र का मालिक,” अर्थात परमात्मा। उन्होंने मधुर दोहे गाकर भगवान शिव के जीवन-दर्शन को सरल और गहन रूप से प्रस्तुत किया।

स्वामी शैलेंद्र सरस्वती जी ने प्रवचन के पश्चात सामूहिक ध्यान का भी अभ्यास कराया। उन्होंने ओशो द्वारा भगवान शिव के नाम पर निर्मित तीन ध्यान प्रयोगों—शिवनेत्र ध्यान, गौरीशंकर ध्यान, और नटराज ध्यान—का उल्लेख किया। इस प्रक्रिया में साधकों ने गायन, वादन, और नर्तन के बाद शांत होकर मंत्र जाप और महामंत्र ‘ओंकार’ श्रवण सीखा। भगवान शिव के डमरू को ब्रह्मांड की अनाहत ध्वनि के प्रतीक रूप में समझाया गया।

इस आयोजन में ओशो आत्म तीर्थ आश्रम के 92 वर्षीय संस्थापक स्वामी आत्म तीर्थ जी और उनकी धर्मपत्नी मां करुणा जी ने मंच पर आकर स्वामी शैलेंद्र सरस्वती जी और मां अमृत प्रिया जी का आत्मीय स्वागत किया। ओशोधारा मैत्री संघ के उपाध्यक्ष स्वामी कृष्ण आचार्य जी, स्वामी झाएन्द्र जी, और ओशोधारा संघ के अध्यक्ष स्वामी अखंड जी भी सत्संग में उपस्थित रहे।

आत्म तीर्थ ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित ओशो की प्रसिद्ध पुस्तक जिन खोजा तिन पाइयां की 100 प्रतियां स्वामी शैलेंद्र सरस्वती जी और मां अमृत प्रिया जी के करकमलों द्वारा श्रोताओं को उपहार स्वरूप भेंट की गईं एवं लगभग 60 नए मित्रों ने ओशो नव सन्यास में दीक्षा ग्रहण की।

मुख्य आयोजक स्वामी रमेश प्रधान जी और उनकी धर्मपत्नी ने सभी का आभार प्रकट किया। इस विराट सत्संग का प्रसारण कई टीवी चैनलों और यूट्यूब पर लाइव किया गया, जिससे काठमांडू के मीडिया पर ओशो व स्वामी शैलेंद्र सरस्वती ही छाए रहे।

रविवार 17 नवंबर को ओशो फ्रेगरेंस टीम पोखरा के लिए प्रस्थान कर गई है, जहां कल से पांच दिवसीय ओशो ध्यान शिविर का आयोजन होगा। इस साधना शिविर का विषय लविंग अवेयरनेस (प्रीतिपूर्ण जागृति) है। शिविर में इंग्लैंड, जर्मनी, फ्रांस, स्विट्ज़रलैंड से आए ओशो प्रेमी बड़ी संख्या में भाग ले रहे हैं।

Our Visitor

7 1 7 2 9 0
Total Users : 717290
Total views : 963930